Arunima Bahadur

Action

4  

Arunima Bahadur

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एक गीत, जीवन संगीत

एक गीत, जीवन संगीत

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जीवन में कितना भी पाना,गीत बचपन के गाना तुम।

अकेले भी चाहे हो चलना,खुद को मीत बनाना तुम ।।


बहुत बहुत कभी विपदाएं,आ आ तुझे सताएंगी।

अंधकार में तुझे मिटाने,दावानल बन वो आएंगी।।


एक हुंकार तुम जोर से भरना, पग को बढ़ाते चलना।

छोटे छोटे इन जंजालों से, कभी न वेग रुकने देना।।


कभी कभी ये झाड़ी के भूत सा,मन को भी डराएंगी।

बन सदा तुम वीर योद्धा,जीत सदा ही जाना तुम।।


छोड़ दे जब सब साथ भी तेरा,अपने संग ही चलना तुम।

अकेले को भी एक मेला बना,मुस्कुराहट संग ही लेना तुम।।


यह प्यारा सा ब्रह्मांड भी, एक कुटुंब भी प्यारा प्यारा है।

हर शूरवीर ने ही इसे तो, अपने पदचिन्हों से संवारा है।


लक्ष्य विराट ही रख, सदा शूरवीर सा चलते चलना।

विपदाओं से सीख सीख कर, खुद को सजाते चलना।।


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