आज वो बेवजह इल्जाम लगा रही कि जख्मी विश्वास का जिक्र कराना ही पड़ा। आज वो बेवजह इल्जाम लगा रही कि जख्मी विश्वास का जिक्र कराना ही पड़ा।
मां सुला लो न अपनी गोद में ऐसा सुकून कहीं ना मिलता है। मां सुला लो न अपनी गोद में ऐसा सुकून कहीं ना मिलता है।
उठ बैठ सोचा कुछ अपने देख रहा था रे मैं सपने। उठ बैठ सोचा कुछ अपने देख रहा था रे मैं सपने।
मनमानियाँ करती हठी नटखटी अटपटी अठखेलियाँ करती सारी मनमानियाँ करती हठी नटखटी अटपटी अठखेलियाँ करती सारी
बागों में फुलवारी है देश में खुशहाली है। बागों में फुलवारी है देश में खुशहाली है।
ये और कोई नहीं, ये, मेरे देश की माटी है। ये और कोई नहीं, ये, मेरे देश की माटी है।