मेरी माटी
मेरी माटी
प्राणों से भी प्यारी है,
रीझती दुनिया सारी है
संस्कृति इसकी न्यारी है,
है गौतम बुद्ध की भूमि ये,
कबीर, नानक की फुलवारी है,
मर मिटने वालों की फेहरिस्त में,
अनगिनत वीरों की कहानी है,
है ज्ञान का यहाँ भण्डार भरा,
हर बात इसकी निराली है,
है शांति इसको सर्वप्रिय,
ये और कोई नहीं,
ये, मेरे देश की माटी है।
