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RASHID AHMED KHAN

Inspirational

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RASHID AHMED KHAN

Inspirational

लोग

लोग

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जब बह जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग,

एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग।


ये दुनिया है रंगों की यहां बदलते हैं फलक़,

बदलते रुख़ निगाहों में बसा लेते हैं लोग।


हर दिन नए सपने नई आशा नए लोग,

चाहत के नए समुंदर में समा लेते हैं लोग।


जीवन की उपाहपोह में कहाँ ढुढूं मैं सुकूँ,

जोग आहन तलक अल्लाह से लगा लेते हैं लोग।


लफ्ज़ की लर्ज़िश ने तोड़े हैं मकाँ जाने कितने,

और लफ़्ज़ों से रिश्ते भी बचा लेते हैं लोग।


जब बह जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग,

एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग।


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