आज ही के दिन लहू था बिखरा पुलवामा की माटी में। आज ही के दिन लहू था बिखरा पुलवामा की माटी में।
मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ उसे बखूबी निभाना तुम...! मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ उसे बखूब...
आदर्श संस्कार अपनी अमीरता है देश की संस्कृति को बचाना है ! आदर्श संस्कार अपनी अमीरता है देश की संस्कृति को बचाना है !
अगर गंगा, जमुना, सरस्वती, हैं ये अनमोल पवित्र जलधाराएँ, बहता लहू मेरे सिपाही का, है आग की धधकतीं ज्व... अगर गंगा, जमुना, सरस्वती, हैं ये अनमोल पवित्र जलधाराएँ, बहता लहू मेरे सिपाही का,...
!!मेरे मन की अभिलाषा और उसकी निराशा!! !!मेरे मन की अभिलाषा और उसकी निराशा!!
तिरंगा...। तिरंगा...।