Ritik Gupta
Drama
लहराता है तिरंगा
लहराती इसकी शान
यह जान है हमारी
और ये ही है जहान...।
लहराता है तिर...
हाथ जोड़ विनति करें सभी भक्तजन की जग जननी, मेरी शेरावाली मैय्या करा दे भवसागर से पार। हाथ जोड़ विनति करें सभी भक्तजन की जग जननी, मेरी शेरावाली मैय्या करा दे भवसागर से ...
उसके साथ का ख्वाब नहीं बस ख्वाबों में उसे देखना चाहूं , मेरा इश्क़ बस इतना सा है । उसके साथ का ख्वाब नहीं बस ख्वाबों में उसे देखना चाहूं , मेरा इश्क़ बस इतना सा...
देश की राष्ट्रपति बनीं तो पूरे देश ने उनको स्नेह सम्मान दिया। देश की राष्ट्रपति बनीं तो पूरे देश ने उनको स्नेह सम्मान दिया।
जिसको लौटना ना था इन आंखों को इंतज़ार उसका था, जिसको लौटना ना था इन आंखों को इंतज़ार उसका था,
रोग दोष, शोक संताप सबसे मिल जाती मुक्ति जो भक्त चुन लेता रास्ता इनकी भक्ति का। रोग दोष, शोक संताप सबसे मिल जाती मुक्ति जो भक्त चुन लेता रास्ता इनकी भक्ति का।
चलाना पड़े चाहे ब्रह्मास्त्र भी कल जो चला न युद्ध में अभी कहीं। चलाना पड़े चाहे ब्रह्मास्त्र भी कल जो चला न युद्ध में अभी कहीं।
सात फेरों के बाद, आज पिया मिलन की रात होगी।। सात फेरों के बाद, आज पिया मिलन की रात होगी।।
बेटियों का पड़ जाए, गर पत्थरों पर वार खिल जाते है, उन पत्थरों पर फूल हजार बेटियों का पड़ जाए, गर पत्थरों पर वार खिल जाते है, उन पत्थरों पर फूल हजार
सबके बदल चुके है, आज ख्यालात जहां पर पैसा, वहां होती भीड़ आयात जो गरीब है, सबके बदल चुके है, आज ख्यालात जहां पर पैसा, वहां होती भीड़ आयात जो गरीब है,
घमंड हो गया जिसे बेशुमार दौलत पर आज, क्या पता कल वो किस का कर्ज़दार है। घमंड हो गया जिसे बेशुमार दौलत पर आज, क्या पता कल वो किस का कर्ज़दार है।
मैं हर दिन के नज़्म लिखूं या कुछ ही बस अहससात लिखूं? मैं हर दिन के नज़्म लिखूं या कुछ ही बस अहससात लिखूं?
मेरा मुझमें कुछ खोया था, मेरे हाथों से मेरा साथ छूटा सा था, मेरा मुझमें कुछ खोया था, मेरे हाथों से मेरा साथ छूटा सा था,
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत आपको हमेशा सफलता दिलाएगी। आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत आपको हमेशा सफलता दिलाएगी।
दुनिया में दया की कमी नहीं बस तुम्हें सबको अपना मानना चाहिए दुनिया में दया की कमी नहीं बस तुम्हें सबको अपना मानना चाहिए
गृहस्थी में तपस्वी तेज से ज्यादा है, तपन शीशे से ज्यादा नाजुक है, गृहस्थ जीवन गृहस्थी में तपस्वी तेज से ज्यादा है, तपन शीशे से ज्यादा नाजुक है, गृहस्थ जीवन
लिखे तेरे प्यार को मैं पढ़ रही थी खत लगाकर दिल से महसूस तुझे कर रही थी लिखे तेरे प्यार को मैं पढ़ रही थी खत लगाकर दिल से महसूस तुझे कर रही थी
तुम्हारे सच को डाल मिट्टी खड्डे में पाट दिया जाता है, सबसे पूछते हो कभी पूछा है स्वयं तुम्हारे सच को डाल मिट्टी खड्डे में पाट दिया जाता है, सबसे पूछते हो कभी पूछा ...
महिषासुर ने दुर्गा को देखकर ज़ोर से अट्टहास लगाया। महिषासुर ने दुर्गा को देखकर ज़ोर से अट्टहास लगाया।
मलिन पड़ता सारा तेज भी मेरी वीरों में न होती गिनती कहीं मलिन पड़ता सारा तेज भी मेरी वीरों में न होती गिनती कहीं
प्रायश्चित करता अनुरोध भी करता बुद्धि वक़्त ने मेरी हरी प्रायश्चित करता अनुरोध भी करता बुद्धि वक़्त ने मेरी हरी