14 फरवरी(ब्लैक डे)
14 फरवरी(ब्लैक डे)
आज ही के दिन लहू था बिखरा पुलवामा की माटी में।
मार दिया था कुछ शेरों को अपनो की गद्दारी ने।
थे अगर तुम शेर तो कुत्तों सीना तान के लड़ लेते।
कसम हमें माँ भारती की जिंदा तुमको हम दफना देते।
कायरों की तरह हमला कर के तुम खुद शेर समझते हो।
पल्लू में छुपकर बैठने वालों तुम खुद को खुदा समझते हो।
कान खोल कर सुन लो पाक जब तुम को हम ललकारेंगे
कसम हमें भारत माँ की तुम्हें घर में घुसकर मारेंगे
तड़पोगे तुम पानी की बूंँद बूँद को फिर न कोई अपना होगा।
कश्मीर मांगने वालों कुत्तों फिर लाहौर भी एक सपना होगा।
समझ जाओ पाक अभी तुम हम राम कि वाणी से समझाते हैं।
क्रोध आ गया अगर फिर हमको तो हम राम का वाण भी चलाते हैं।
चलती हैं एक रीत देश में हमारे हम कुत्ते मार नहीं सकते।
मगर पागल कुत्तों को हम जिंदा भी छोड़ नहीं सकते।
आ रहा हैं फिर वही समय जब अखण्ड भारत हमारा होगा।
अब फिर से लाहौर की छाती पर लहराता हुआ तिरंगा होगा।।
भारतीय सेना को समर्पित जय हिंद।