बड़े भाग्यशाली हैं हम, जो जीवन मानव का पाया है। बड़े भाग्यशाली हैं हम, जो जीवन मानव का पाया है।
उलझी गांठों को खोलूँ मैं , टूटी कड़ियों को जोडूं ! उलझी गांठों को खोलूँ मैं , टूटी कड़ियों को जोडूं !
मिली है कोख से माँ की हमारी मात्र भाषा है। मिली है कोख से माँ की हमारी मात्र भाषा है।
उन्हें निशचल झरते अश्रुओं के साथ एक किनारे खड़ा देखा है। उन्हें निशचल झरते अश्रुओं के साथ एक किनारे खड़ा देखा है।
अगर गंगा, जमुना, सरस्वती, हैं ये अनमोल पवित्र जलधाराएँ, बहता लहू मेरे सिपाही का, है आग की धधकतीं ज्व... अगर गंगा, जमुना, सरस्वती, हैं ये अनमोल पवित्र जलधाराएँ, बहता लहू मेरे सिपाही का,...
संग तेरे ही रह जाऊंगा, फिर न वापस जाऊंगा। संग तेरे ही रह जाऊंगा, फिर न वापस जाऊंगा।