खुद पर निर्भर रहो
खुद पर निर्भर रहो
दूसरों पर न रह निर्भर
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
जीवन के मूल सिद्धांत के लिए
जीवन के मूल आदर्श के लिए
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
करना हैं लोककल्याण
पाना हैं खुद का मुक़ाम
दूसरों की सहायता , सहानुभूति
दूसरों पर आर्थिक निर्भरता को
अब त्यागना होगा।
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
मार्ग बड़ा कठिन है
पग-पग में मिलेंगे काँटे
उन काँटों पर तुझे हँसकर चलना होगा।
हर बाधाओं से कर सामना
अब तुझे अपना शक्ति का परिचय देना होगा।
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
यह मार्ग सरल नहीं ,
हर पथ पर एक नया इम्तेहान होगा।
असफल होने के बाद भी
मन में सफलता की किरण को जगाना होगा।
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
भाग्य रेखा किसका निश्चित हैं?
तुझे अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा और तेजस्विता से।
भाग्यरेखा को बदलना होगा।
आत्मनिर्भर बनना हैं
अब प्रतिज्ञा स्वयं से करना होगा।
आत्मनिर्भरता एक उपहार हैं
जिसका उपार्जन करना कठिन हैं
पर इसके प्राप्ति के लिए।
मन में उपजी उत्कंठा को अब
शांत करना होगा।
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
आत्मनिर्भरता के लिए तुझे
अभ्यास व परिश्रम से
सहुलियत को पाना होगा।
दूसरे पर निर्भर रहने की अपेक्षा
स्वयं कार्य सम्पन्न करना होगा
खुद के अंदर शक्ति का संचार करना होगा।
अब तुझे आत्मनिर्भर बनना होगा।
पहाड़ का सीना चीर तुझे
अपना पथ बनाना होगा
अपने पैर में खड़े होने के लिए
कठिन प्रयास करना होगा।
जीवन की दौड़ में कीर्तिमान
होना हैं ,तो
अब तुझे आत्मनिर्भर होना होगा।