STORYMIRROR

ritesh deo

Abstract Inspirational

4  

ritesh deo

Abstract Inspirational

जीतेंगे

जीतेंगे

1 min
12

लोग आएंगे... हसेंगे... ताने मारेंगे,
हमारे सपनो पे... सौ सवाल उठाएंगे।
पर सुनो... दिल की आवाज़ कभी न दबाना,
अपने रास्तों से कभी न हट जाना।

क्योंकि खुद की तलाश... सबसे बड़ी जंग है,
जो जीत गया खुद से... वही असली रंग है।
किसी की बातों में आकर ना रुक जाना,
अपने सपनो की उड़ान... खुद ही बनाना।

'पागल', 'अजीब', 'बेफिजूल' कहें जमाना,
फिर भी तू मुस्कुरा... आगे बढ़ते जाना ,
हमारे हर सवाल का जवाब... हमारे अंदर छुपा है,
बस खुद पे यकीन करो... देखो कैसे भगवान भी हमसे जुड़ा है।

जो अपनी आग में जलता है,
वही खुद रोशनी बनता है,
हर ठोकर पर मुस्कुरा कर,
वो फिर से चलता है।

चल पड़े हो तो अब पीछे मुड़कर मत देखना,
हर ठोकर में भी कोई सीख है—बस इसे समझना।
तूफान आयेंगे, पर हम भी तो आसमान है,
हर डर के आगे... हमारा हौसला बयान है।

हर रात के बाद सवेरा भी आएगा,
जो खोया है, वो भी एक दिन लौटकर आएगा।

जो हम सोच सके—वो हम कर भी सकते है,
क्योंकि हमारे अंदर भी एक ‘चमत्कार’ छुपा है।
बस खुद को थाम, और सारा जहां झुकेगा,
हमारा नाम भी एक दिन इस दुनिया में गूंजेगा।


विषय का मूल्यांकन करें
लॉग इन

Similar hindi poem from Abstract