हमने लेखन रूपी खजाना पा लिया
हमने लेखन रूपी खजाना पा लिया
जिंदगी की आपाधापी में हमने अपना बहुमूल्य खजाना खो दिया था।
अपने बच्चे अपना फर्ज अपनी जवाबदारीया के चलते अपने बारे में कभी सोचा ही नहीं ,क्योंकि सोचने की फुर्सत ही नहीं पा रहे थे।
हंसते-हंसते अपने सपने कैसे पूरे करने थे।
वही सोचते हुए हम हंसी खुशी दिन गुजार रहे थे।
अपनी जवाबदारियां हम अच्छे से निभा रहे थे।
मन में कुछ कम था ऐसा विचार रहे थे।
उस खजाने को तलाश रहे थे ।
जिसमें हमारा खुशियां का खजाना छिपा था।
मन का अधूरापन छिपा था।
अचानक ही वह खजाना हमको मिल गया ।
कुछ बच्चों के कहने से।
कुछ अपने हमसफर और लोगों के कहने से।
कुछ अपने आप को ना खोने की जिद से।
हमने भी खजाना पा ही लिया।
जिसको हम ढूंढ रहे थे उस अधूरापन को हमने पूरा कर ही लिया।
शब्दों के लेखनी के जरिए हमने अपने आपको बयान कर ही लिया।
भले हमने उम्र के 67 में साल में यह कर लिया।
और विनर ऑथर ऑफ ईयर 2022 स्टोरी मिरर में बनके हमने अपना खजाना पा ही लिया।
इस तरह हमने अपने आप को और अपने खजाने को ढूंढ कर अपने पास बुला ही लिया।
कहती है विमला कभी भी देर नहीं होती है जब चाहो।
तब आप अपने सपने और अपने मन में छिपे हुए खजाने को ढूंढ कर निकाल सकते हो।
जिंदगी में अपनी पसंद का करने की संतुष्टि पा ही सकते हो।
