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Dinesh Dubey

Romance

4  

Dinesh Dubey

Romance

प्यार का अंकुर

प्यार का अंकुर

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दिल में फूटा हैं एक

प्यार का अंकुर,

प्रणय निवेदन का 

मिला है अवसर

 

ना जाने वो कहा थी गुम

आते ही सीने से लगी गुमसुम 

एहसास हुआ शायद उसे 

मारे प्यार की अहमियत 


अब जाने क्या उसकी थी नियत 

मेरे मन में भी खिले कपोले 

दिल भी डोल गया हौले हौले 

मेरे सीने से उसकी सांसे टकराए

नयनों में उसके आसु भर आए 


में भी भूल गया सब कुछ 

अब दिल में रहा ना कुछ 

उसके अधरों पर रखे अधर

भूल गया मै भी पल भर।


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