तेरा मेरा रिश्ता
तेरा मेरा रिश्ता


तेरे मेरे रिश्ते को,
क्या नाम दूं,?
रगों में दौड़ते खून का रगों से
दिल का धड़कन से ,
सांसों का जीवन से,
एक बदन का रूह से ,
इबादत का रब से ,
संगीत का सरगम से ,
बादलों का बारिश से ,
महक का फूल से,
जो रिश्ता है,
बस,
वही रिश्ता तो तेरा मेरा भी है,
शायद नाम से परे,
पहचान से परे,
अनुराग का रिश्ता है यह,
एहसास का बंधन है यह,
नीर एक रूह का,
दो शरीरों में बटां हुआ मगर,
कितना अटूट ,
कितना अलग,
कितना ख़ास रिश्ता है यह ।