यह बचपन है
यह बचपन है
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इसे मत समझाओ,
यह तुम्हारी नही सुनेगा,
सुन लिया तो भी ,
मानेगा नहीं,
हुजूर यह बचपन है ।
लड़ेगा भी,
रूसेगा भी,
शिकायत कर उसे डांट भी खिलवायेगा ,
मगर कल सब भूल कर,
फिर उन्हीं दोस्तों के साथ खेलेगा,
हुजूर यह बचपन है ।
तुम बड़े हो ,
सही गलत सब जानते हो ,
तुम बहुत समझाओगे,
मगर तुम्हारे दिमाग की नहीं,
अपने मासूम दिल की ही सुनेगा ,
हुजूर यह बचपन है ।
ना रंग से, ना रूप से वास्ता ,
ना ही मह
ंगे और सस्ते का पता,
ना ही अमीर गरीब को जानता,
ना ही ऊंच नीच का भेद जानता,
हुजूर यह बचपन है ।
ऊंची नीची नेकर पहने ,
छोटी बड़ी चप्पल पहने ,
आधे खुले , आधे बंधे बाल लिए,
बस चेहरे पर मुस्कान लिए,
बगैर किसी बनावट किए ,
अनायास ही सबका दिल जीत लेता
हुजूर यह बचपन है ।
यह ना तो तेरा मेरा का भेद जाने,
यह ना ही 'मै' को ही माने ,
यह तो बस खेल को ही जाने ,
यह तो बस साथ मुस्कुराना जाने ,
हुजूर यह बचपन है ।