द्रौपदी
द्रौपदी
है कहां आसान द्रौपदी होना,
प्रेम एक से करो,
मगर रिश्ता पांच से निभाना ।
है कहां आसान द्रौपदी होना,
अर्जुन के लिए भावनाओं को सीने मे रख,
अन्य चार पांडवों को तन सौंपना ।
है कहां आसान द्रौपदी होना,
एक औरत होते हुये भी,
सामान की तरह पांचों मे बंट जाना ।
है कहां आसान द्रौपदी होना,
चौसर की बाजी में,
अपने ही पति द्वारा दांव पर लग जाना ।
है कहां आसान द्रौपदी होना,
अपनों के ही सामने,
अपनो के ही हाथों चीरहरण सा घाव सहना ।