तमन्नाए
तमन्नाए
तमन्नाए निशान का जोश जवानी को अर्पण
बुढ़ापा बजाता बिन किये न किये को तर्पण
पसीने की बदबू मे जीवनी का आत्म समर्पण
ढोंग साजिश बद नियत का त्वरित प्रत्यापर्ण
सत्य हकीकत में छुपा है अमरत्व का प्रतिबिम्ब
स्वार्थ की राजनीति भ्रष्ट धूर्त बदमाशी का बिम्ब
इनोसेंट निर्मोही बचपना को पता न साजिश का
छुपके आता शिकारी आहट का ढोल न बजाता
ईश्वर का सत्य वही कभी न बनता मौत का बहाना
एक ही तर्ज जैसा कर्म वैसा फल का आशियाना!