देश नव निर्माणकी यात्रा
देश नव निर्माणकी यात्रा
देश नव निर्माण की यात्रा लम्बी है मगर स्वाव लम्बी है
बाधाएँ राह में रुख ले के बैठी पर ये कठिन तो नहीं है
लहू में ठंडी हो के बह रही गुलामी की जड़े उखाड़नी है
सदियों से लम्बी नींद सो रहा हिन्दू सनातनों को जगाना है
मुगल वंशी नेहरू जमाती जड़ों से पवित्र भूमि बचानी है
ये विदेशी डकैतों से हमें अपनी सखावत वापस लानी है
न्याय नीतिमत्ता से घर चलाना है रामायण पढ़ना है
और देश व राज चलाने को हमें महाभारत पढ़ना है
शास्त्र वेद पुराण शुद्ध नीतियों का वहन करना है
ऋषि मुनियों कि भूमिका मन्त्रों से निर्वहन करना है