सत्ताका स्वाद
सत्ताका स्वाद
एक दफे सत्ताका स्वाद लिया की बस उसके आदि हो गए
अपनी विरासत व् जनरेशन पूर्वजोंकी अमानत समज बैठे
ज्ञानमे गंगू उम्रकी लिहाजमे अधेड़ निशाना तख़्तको लगाए
इस मिट्टीकी पहचान नहीं विदेशी वंशज भूमिका ज्ञान बटाए
अवरोध विरोधी शूरका पता नहीं पूर्वजोंकी निब पे बिन बजाए
ये डकैतीसे लूटी सत्ता सम्पत्तिसे किआयेदारोकी टोली सजाये
बिस - इक्सवी सदीमे १६- १७ की यादे और हर गति ग़द्दारीमे
नानाए दो और नानी तीन टुकडोमे वंशजोने बांटे टुकड़े अनेक
सत्ताका नशा बहुत गहरा अब तो विदेशिओसे हाथ मिलाये
फण्ड फाला अंधरुनि माहिती के नाम पे करार देश बिकवाने।