:बेटी
:बेटी
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध है क्या?
हर बार बेटी को इस समाज में,
क्यों नग्न कर तमाशा किया जाता है,
बात आती है जब बेटी के सम्मान की,
तो बेपनाह जलील किया जाता है।
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध हैं क्या?
क्यो बेटी के जन्म पे मातम छा जाता है,
कुछ आँखो में आंसू तक आ जाते हैं,
सोच लेते हैं बोझ बढ़ा अब बेटी का,
खर्चा विदाई में बहुत होगा ये तक सोच लेते।
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध हैं क्या?
कोख में ही बेटियों को मार दिया जाता है,
जीवन से ही त्याग दिया सा जाता है,
लड़का हो तो बाहर आये खुशिया मनाये,
बेटी हो तो कोख में ही मुझे मार दिया जाए।
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध हैं क्या?
बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है,
उसके चरित्र पर क्यों लांछन लगाया जाता है,
मागें न पूरी करे अगर वो घर मे सबकी,
तो तिल तिल सताया औऱ रुलाया जाता है।
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध हैं क्या?
मेरी आबरू का खेल खेला जाता है,
मेरे जिस्म को सस्ते में बेचा जाता है,
मेरे अंग नोच कर पीड़ा दिया जाता है,
मेरा बलात्कार कर,फिर जलाया जाता है।
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध हैं क्या?
मुझे अदालत में भी नंगा किया जाता है,
मुझे सुरक्षा न देकर जलील किया जाता है,
मेरे रक्षक ही मेरे भक्षक बन जाते है,
मेरे लिए तो सत्ता भी चुप्पी साध लेती है।
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध हैं क्या?
बेटियो को कहते पराई फिर भी क्यो
बिन हमारे रह पातें हैं आखिर क्यों?
ये पुरुष हमीं पर ताकत आजमाते हैं,
वरना क्या ये जीवित ही न मर जाते है।
मेरा बेटी होना ही बड़ा अपराध हैं क्या?
मेरे बिना ही बताओ तुम में से कौन?
आज इस संसार मे आया होता,
जब बेटियां ही ना रहेंगी इस जग मे,
फिर कौन माँ जननी कहलाएगी तुम्हारी ?
मेरा बेटी होना ही बड़ा अपराध हैं क्या?
अब तुम ही बताओ हम बेटियां कहाँ जाये?
बेटियाँ है तो बताओ कहाँ छुप जाये?
हमे भी थोड़ा सुकुन के पल जीना हैं
सुरक्षा का भाव महसूस करना चाहती हैं बेटियां।
मेरा बेटी होना ही बड़ा अपराध हैं क्या?
बनकर माँ पापा का प्यार हूँ मैं भी,
जी भरकर हँसना चाहती हूँ मैं भी,
माँ की कोख से जन्म तक के सफर को,
जीवन में तय करना चाहती हूँ मैं भी।
मेरा बेटी होना ही बड़ा अपराध हैं क्या?
हर बार ग्रहण लग जाता खुशियों पर मेरी,
आँखो में बस आँसु रह जाते हैं मेरी,
जिन्दगी के हर घड़ी, पल क्यो लेते परीक्षा मेरी,
भयभीत रहती हूँ कैसी बनाई किस्मत मेरी।
