STORYMIRROR

Birendra Nishad शिवम विद्रोही

Tragedy

3  

Birendra Nishad शिवम विद्रोही

Tragedy

देश की उपलब्धियाँ एवं महिलाएँ

देश की उपलब्धियाँ एवं महिलाएँ

2 mins
13.3K


जिस देश में हो रहा हर घंटे बलात्कार है

फिर वो क्या कठुआ क्या मेरठ उन्नाव है

ये सिलसिला कायम पूरे भारत में

वो फिर क्या उत्तर प्रदेश क्या बिहार है

अदालतों में बेसुमार पीड़ितों को इंसाफ़ का इंतजार है

कागजों पर कानून है पर अदालतें लाचार हैं

ऐसे में क्या हमें अन्य उपलब्धियों पर गर्व करने का अधिकार है।


जाँच के लिए जवाबदेह पुलिस लापरवाह है

वकील से लेकर मंत्री विधायक तक आरोपियों के साथ है

तभी तो बेटी रही पुकार है कि उसके जीवन में क्यों अंधकार है ?

क्या इसका न कोई सुधार है या यूं ही बढ़ता रहेगा अत्याचार है !

सुनकर भी बेटी-महिलाओं की सिसकियाँ और रुदन मौन इस समाज के ठेकेदार हैं।

क्या तब भी अपनी अन्य उपलब्धियों पर हमें गर्व का अधिकार है ?


पर ये कौन समझे कि हर किसी के मुकद्दर में कहाँ बेटी का भाग्य है

रब को हो पसंद उस घर का यह सौभाग्य है

फिर क्यूँ कोख से कफन तक इतना विभेद है

लड़की के जन्म पर लक्ष्मी आयी की बधाई है

पर लड़के के जन्म पर खुशियॉं अपार हैं

तभी तो लड़कियों का जीवन ज़ंजीर है

कहीं पत्नी तो कहीं बहु पर अत्याचार है

समाज के ठेकेदार मूक व बेबस लाचार हैं

क्या तब भी अपनी अन्य उपलब्धियों पर हमें गर्व का अधिकार है?


गर यह सिलसिला यूँ ही चलता रहा

फिर क्या होगा महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान का ?

क्या इसके लिए जिम्मेदार आधुनिकता की होड़ है

या फिर हमारी सोच है

ऐसे में समाज का क्या सरोकार है ?

आखिर कहां थमता यह अत्याचार है ?

वो तो कुछ करे जो इसके लिए जिम्मेदार है

नहीं तो हमारी सारी उपलब्धियाँ बेकगर हों

सुरक्षित बहु बेटियाँ तभी अपनी उपलब्धियों हमें पर गर्व है, अधिकार है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy