नाम तेरा
नाम तेरा
सुबह उठते ही ढुंढता हूँ तेरा चहेरा,
मेरी हालत देख सूरज हंसता हे गहेरा,
दर्दभरी दास्तांन गा रहा है दिल मेरा,
इस जुबान पर रहे गया है नाम तेरा।
शहर की गलियों में दिन बितता है मेरा,
तुजे ढुंढकर पांव भी थक गया है मेरा,
पसीने से तरबतर तन हो रहा है मेरा,
इस जुबान पर रहे गया हे नाम तेरा।
चांदनी रातमें मन तड़पता रहा है मेरा,
आके मिलन अधूरा पूरा कर जा मेरा,
जब से तूंने दामन तोड़ दिया है मेरा,
ईस जुबान पर रहे गया है नाम तेरा।
दिलका चमन मुर्झा गया है अब मेरा,
जीवन पतझड जैसा बन गया है मेरा,
"मुरली" ईन्तजार कर रहा हुं मै तेरा,
इस जुबान पर रहे गया है नाम तेरा।

