हुस्न के बाज़ार का अब बाशिंदा हो गया हुस्न के बाज़ार का अब बाशिंदा हो गया
उड़ाओ न रंग मोहे श्याम, तेरे प्यारमें रंगी हुई हूं मैं। उड़ाओ न रंग मोहे श्याम, तेरे प्यारमें रंगी हुई हूं मैं।