माँ क्या बुदबुदाती थी नहीं मालूम था माँ क्या बुदबुदाती थी नहीं मालूम था
हुस्न के बाज़ार का अब बाशिंदा हो गया हुस्न के बाज़ार का अब बाशिंदा हो गया