मैं उसे रोता देखना चाहता हूं। मैं उसे रोता देखना चाहता हूं।
मैं वही हूं जो फिरता हूं मारा - मारा दिन रात सुबह शाम मैं वही हूं जो फिरता हूं मारा - मारा दिन रात सुबह शाम
दिल भटक रहा उसकी यादें लेकर... कोई तो ठिकाना मिले उसे, दिल भटक रहा उसकी यादें लेकर... कोई तो ठिकाना मिले उसे,
मुस्काई और शरमा गयी रंग सारा मुझपर डाल के। मुस्काई और शरमा गयी रंग सारा मुझपर डाल के।
शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ? शोलों सा दिल में धधकता भी हूँ, खुश हूँ या नहीं किसे फर्क़ पड़ता है ?