कौन हो भाई...???
कौन हो भाई...???
कौन हो भाई ??...
मैं वही हूं
जो दिन रात रहता हूं
भूख में तड़पता हुआ
फिर भी करता हूं
सफ़ाई आपके आस-पास
रखने को स्वच्छ साफ़
आपका घर मकान और ऑफिस
नालियां, गांव,कस्बा और शहर ।
कौन हो भाई ??...
मैं वही हूं
जो करता हूं मेहनत
दिन - रात, सुबह -शाम
फिर भी रहता हूं वंचित
मजदूरी की पगार से
अपने न्याय, अधिकार से
और अंततः समाज में
मिलने वाले सम्मान से ।
कौन हो भाई ??...
मैं वही हूं
जो फिरता हूं मारा - मारा
दिन रात सुबह शाम
चंद कागज़ के टुकड़ों की खातिर
या मैली बदबूदार थैलियों के लिए
कुछ लोहे के टुकड़ों की खातिर
बीनता गली - गली
कुकर से भिड़ते हुए तो कभी वाराह संग ।
कौन हो भाई ??...
मैं वही हूं
जो मिलता है आपको
कभी चाय की दुकान पर
तो कभी चौधरी ढाबे पर
कभी छोटू के नाम से
तो कभी कालू या रामू के नाम से
रहता हूं हमेशा मुस्कान के साथ
आपके बीच क़दम दर क़दम ।
