मुझे कुछ कहना है
मुझे कुछ कहना है
मुझे कुछ कहना है,
अपने अस्तित्व
अपने वर्तमान
अपने भविष्य
ख़ुद को जिंदा भी रखना है।
आपका तिरस्कार
आपका अपमान
आपका भेदभाव
आपका अन्याय
मुझे नहीं अब सहना है।
आपके साथ हैं
आपके लोग
आपका धर्म
आपका सिस्टम
आपकी सरकार
मुझे नहीं अकेले रहना है।
आप हर समय
सच्चे हो
अच्छे हो
ईमानदार और
देशभक्त भी हो
मुझे भी देशभक्त रहना है।
अन्त आपने कर दिया
लोकतंत्र का
न्यायपालिका का
कार्यपालिका का
व्यवस्थापिका का
संवैधानिक व्यवस्था से डरना है।
चारों ओर फैली हुई
बेरोजगारी
भुखमरी
लाचारी
बेबसी सी
अंधेरी दुनिया में नहीं रहना है।