STORYMIRROR

RAGHAV BHARGAVA

Action Inspirational

4.0  

RAGHAV BHARGAVA

Action Inspirational

बढ़ता चल, बस बढ़ता चल..

बढ़ता चल, बस बढ़ता चल..

1 min
315


किसने कहा है तुझे रुकने के लिए,

किसने कहा है तुझे झुकने के लिए,

कौन कहता है तुझे वो सब जो तेरे बस का नहीं,

उसे क्या पता तेरा जिगर इतना सस्ता नहीं ...

लेकर निकल अपनी उम्मीदें अपने संग,

किसी को क्या परवाह है ...

तुझे खुद ही बदलने हैं खुद के रंग,


ये एक समय ही है जो तक़दीर लिखता है,

मेहनत जिसने की उसी की झोली भरता है,

तुझमें तूफ़ान किसी से कम है क्या,

तुझपे इनायतें किसी से कम हैं क्या,

ये सपने हैं,

किसी चीज़ की तरह यूँ ही बाजार में नहीं बिकते,

ये सपने हैं,

मेहनत में मोल भाव नहीं सुनते,


तुझे पता है तू कर सकता है,

तुझे पता है तू जल सकता है,

तो फिर रुकता क्यूं हैं ...

बार-बार ठहर जाता क्यूं है ...

हार से डर किस बात का है,

समय कम है तेरे पास,

जो फालतू है वो ख्याल किस काम का है ...,

तू वादा कर ...

खुद से एक वादा कर,

बढ़ता चल बस बढ़ता चल ...

बढ़ता चल बस बढ़ता चल ...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action