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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Action Inspirational

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Action Inspirational

संबंधों में अपनापन हो

संबंधों में अपनापन हो

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परिवार बड़ा या छोटा हो।

मन खरा रहे या खोटा हो।

रिश्तों में अपनापन रखना-

खुशियों में न कोई टोटा हो।


सब में मधुरिम संबंध रहे।

एक दूसरे से आबद्ध रहे।

मन में न कोई कड़वाहट हो

तन मन से प्रतिज्ञाबद्ध रहे।


मन के तारों का जुड़ाव रहे।

आपस में प्रेम लगाव रहे।

ना लेशमात्र हो क्लेश कभी

जीवन में चाहे अभाव रहे।


घर आंगन में खुशियां चहके।

जीवन चंदन वन सा महके।

खिलती बढ़ती हो प्रेम लता

हर रिश्ता कुन्दन सा लहके।


जहां ग़म में भी खुशहाली है।

दुःख में भी जहां दीवाली है।

निस्वार्थ भाव से हृदय भरा

रिश्तों की यही हरियाली है।



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