सही और गलत
सही और गलत
हम गलत है गलत ही सही
हमें गलत ही रहने दो
वो कहते रहे अपनी बातें और
हमें अपनी बातें कहने दो
सच को सच ही रहने दो
साबित करने की जरूरत नहीं
झूठ का बोलबाला है बड़ा
सच के लिए कोई मुहूर्त ही नहीं
झूठ के लोग प्यारे लगते हैं
सच्चे लोग हत्यारे लगते हैं
कलयुग ही अब खेल है सारा
जहां फरेबी ही अब सहारे लगते हैं
मुंह खोला तुमने झूठ के खिलाफ तो
तुम्हारा मजाक बनाया जाएगा
तुम्हारे अपने ही गैरों का साथ देंगे
भरी महफिल तमाशा बनाया जाएगा
इसलिए सच हो तो इंतजार करो
शायद वक्त तुम्हारा भी आएगा
झूठे का सिर नीचा होगा और
सच्चे का सर खुद ही ऊंचा हो जाएगा
