थोड़ा रोते फिर हँस देते सबके मन को भाते बच्चे। थोड़ा रोते फिर हँस देते सबके मन को भाते बच्चे।
और तुम्हें भेजने से पहले, इस खत को फाड़ पाती हूँ। और तुम्हें भेजने से पहले, इस खत को फाड़ पाती हूँ।
फिर से एक और पेड़ को उखाड़ कर लाई। फिर से एक और पेड़ को उखाड़ कर लाई।
यार तुम ही तो हो मेरे जीवन के अनमोल रतन , जिसे समेट के रखना चाहूँ में मरते दम तक। यार तुम ही तो हो मेरे जीवन के अनमोल रतन , जिसे समेट के रखना चाहूँ में मरत...
हज़ार ख़्याल सजा रक्खे थे, हज़ार ख़्वाब बना रक्खे थे हज़ार ख़्याल सजा रक्खे थे, हज़ार ख़्वाब बना रक्खे थे
आज की हर औरत ही कल हर औरत की आदर्श बन जाए। आज की हर औरत ही कल हर औरत की आदर्श बन जाए।