दोस्ती
दोस्ती

1 min

420
दोस्त तो नाम के हमारे बहुत थे पर
जरूरत थी तो बस सच्चे वाले कि,
हो जब गए थे खफा तुम हमसे
दिल हो गया था अकेला रहकर
दूर तुमसे।
यार तुम ही तो हो मेरे जीवन के
अनमोल रतन ,
जिसे समेट के रखना चाहूँ में मरते
दम तक।
हो जाये कोई भी भूल हमसे अगर,
मार लेना तुम खींच के एक थप्पड़।
मगर छोड़ना ना कभी साथ हमारा,
बिखर जाएंगे हम चूर चूर हो कर ।
जरूरत पड़े कभी भी चाहे हो
मुश्किल या हो खुशी,
रहेंगे हमेशा साथ खड़े,
ये वादा रहा यार का यार से।