दूध की खाली बोतल दिखा दिखा कर कहीं दुत्कारी जाती दूध की खाली बोतल दिखा दिखा कर कहीं दुत्कारी जाती
है ढका तन भी नहीं इस बेबसी की मार से शर्म से खुद छिपाये है बड़े लाचार से है ढका तन भी नहीं इस बेबसी की मार से शर्म से खुद छिपाये है बड़े लाचार से
खुद रोया मेरा नसीब पर रोया नहीं मैं। खुद रोया मेरा नसीब पर रोया नहीं मैं।
इंसान इंसान में फर्क कर रहे है हम, है ये हमारी मज़बूर, गरीब सोच। इंसान इंसान में फर्क कर रहे है हम, है ये हमारी मज़बूर, गरीब सोच।
अंतिम विदा के वक्त चेहरे पर गूंगापन ही सवार होता है ! अंतिम विदा के वक्त चेहरे पर गूंगापन ही सवार होता है !
खो जाऊंगी दुनिया की भीड़ में और ताउम्र जूझती रह जाऊंगी अपने ही वजूद की तलाश में। खो जाऊंगी दुनिया की भीड़ में और ताउम्र जूझती रह जाऊंगी अपने ही वजूद क...