यादों का अहसास
यादों का अहसास
इस चलते हुये शक्ति पर्व में
यादों के जीवंत होने की
अनुभूति हो रही है
माँ के नौ रूप अब
नव रूप में हैं
आधुनिक काल खंड की
जरूरत की सम्पूर्ति हेतु।
जब मनुष्य प्रजाति को समाप्त
करने की क्षमता रखने वाले
हथियारों से पृथ्वी पटी हुयी है
हवा श्वास लेने के काबिल नहीं रही
पृथ्वी को बुखार है
उसकी श्वासें अनियंत्रित है
और मनुष्य को तरक्की का जनून है
तब शक्ति पर्व को इतिहास
के रूप में निरूपित करते हुये
आदि शक्ति की पूजा के साथ
उनको नये रूप में
महसूस करने की जरूरत थी
और हम ठीक ठीक ऐसा ही
महसूस कर रहे हैं कि
शक्ति अपने नये रूप में
सक्रिय है
यानी शक्ति का दसवां रूप भी
अस्तित्व में है
और उसकी ऊर्जा जीवन में
एक समझ की तरह
डिप्लॉय हो रही है
जीवन युद्ध में
शक्ति की भूमिका
हमारे अपने प्रति हमारे दृष्टिकोण में
सन्निहित हो गयी है
मनुष्य होने की जिम्मेदारी
मनुष्य को रूपान्तरित कर रही है
एक नये मनुष्य के ही रूप में।
