कुछ पल का साथ।
कुछ पल का साथ।
कुछ पल का साथ था उनका हमारा,
आमने-सामने पहली बार मिले यारा।
बस स्टैंड पर बस का इंतज़ार करती,
नज़रें मिलते ही शरमा कर वो हँसती।
बस कुछ घंटों का साथ था ना हमारा,
बस हम दोनों की ही लेट थी ना यारा।
सूरत से ही न सीरत अच्छी लगी यारा,
उसे देखते-देखते हमें प्यार हुआ यारा।
शोला शबनमी वो थी आग की क्यारी,
हमारा सब कुछ लूट ले गई वो प्यारी।
प्यार सुन्दरता जवानी की तो कहानी,
साज बदल जाता धुन वहीं रहें पुरानी।