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Indira Mishra

Romance

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Indira Mishra

Romance

समा जलती है परवाने जल गए

समा जलती है परवाने जल गए

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समा तो यूँ ही जलती है जलती आरही है

समा तो यूँ ही जलती है जलती आरही है

सदियोंसे परवाने जल्गये उस्सी आग में

परवाने के दिल के चाहत प्यास

बुझते बुझते राहत ना मिली उस्से


खुद जल गयी उसी आग मैं

खुद प्यासी रेहैगये उस कि प्यार में

उसकी प्यास मैं

क्यूँ की दिल ने मजबूर

किया इतना की वो तेरा होगयी

दिल ने बेबस किया इतना

ना मिला दिल को राहत


समा तो यूँ ही जलती है जलती आरही है

है वक़्त जरा ठहर जा

जी भरकर देख्लू तुझे

जी भरकर देख्लू उसे

है ज़िन्दगी गले लगालूं तुझे

जरा ठहर जा गले ल्गालूं उसे

उसी हसींन पलको कयेद करलू दिल मेँ

यादों में


समा तो यूँही जलती है

जलती आरही है

जरा रूक जा मेरे दामन छोडने से पहले

है तकदीर

ये प्यार तो कबूल करले जरा

है ताक्क्दीर प्यार तो कबूल करले जरा

है खुदा जँहा मेँ खत्तम हुआ वोंहा तू सुरु हुआ


कुर्बान हुआ दिल तुझ्पे कुरबान हुआ

कुर्बान हुआ दिल तुझ्पे कुरबान हुआ

नसीब का खेल ही था ताक्क्दीर को ये भी मंज़ूर था


समा तो यूँही जलती है जलती आरही है

नसीब का खेल ही था

सायद खुदाको ये मंज़ूर था


जलती रही है तकदीर

तकदीर को ये मंज़ूर भी था

आग बुझते बुझते

दिल जलाते जलाते यूँ ही जल गयी


प्यासा सावन प्यासी रह गयी

दूसरोँ का प्यास बुझते बुझते

खुद प्यासी रह गयी

प्यास बुझते बुझते

वो जबतक जलेगी तबतक


समा तो यूँ ही जलती है जलती आ रही है

परवाने रहैगें

समा तो यूँ ही जलेगी जलती रहेगी

सदियों से।


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