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Indira Mishra

Romance

4  

Indira Mishra

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समा जलती है परवाने जल गए

समा जलती है परवाने जल गए

2 mins
207


समा तो यूँ ही जलती है जलती आरही है

समा तो यूँ ही जलती है जलती आरही है

सदियोंसे परवाने जल्गये उस्सी आग में

परवाने के दिल के चाहत प्यास

बुझते बुझते राहत ना मिली उस्से


खुद जल गयी उसी आग मैं

खुद प्यासी रेहैगये उस कि प्यार में

उसकी प्यास मैं

क्यूँ की दिल ने मजबूर

किया इतना की वो तेरा होगयी

दिल ने बेबस किया इतना

ना मिला दिल को राहत


समा तो यूँ ही जलती है जलती आरही है

है वक़्त जरा ठहर जा

जी भरकर देख्लू तुझे

जी भरकर देख्लू उसे

है ज़िन्दगी गले लगालूं तुझे

जरा ठहर जा गले ल्गालूं उसे

उसी हसींन पलको कयेद करलू दिल मेँ

यादों में


समा तो यूँही जलती है

जलती आरही है

जरा रूक जा मेरे दामन छोडने से पहले

है तकदीर

ये प्यार तो कबूल करले जरा

है ताक्क्दीर प्यार तो कबूल करले जरा

है खुदा जँहा मेँ खत्तम हुआ वोंहा तू सुरु हुआ


कुर्बान हुआ दिल तुझ्पे कुरबान हुआ

कुर्बान हुआ दिल तुझ्पे कुरबान हुआ

नसीब का खेल ही था ताक्क्दीर को ये भी मंज़ूर था


समा तो यूँही जलती है जलती आरही है

नसीब का खेल ही था

सायद खुदाको ये मंज़ूर था


जलती रही है तकदीर

तकदीर को ये मंज़ूर भी था

आग बुझते बुझते

दिल जलाते जलाते यूँ ही जल गयी


प्यासा सावन प्यासी रह गयी

दूसरोँ का प्यास बुझते बुझते

खुद प्यासी रह गयी

प्यास बुझते बुझते

वो जबतक जलेगी तबतक


समा तो यूँ ही जलती है जलती आ रही है

परवाने रहैगें

समा तो यूँ ही जलेगी जलती रहेगी

सदियों से।


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