प्यार की राहें
प्यार की राहें
बड़ी सुहानी होती हैं प्यार की अनजानी राहें
कुदरत फैला देती है प्यार से अपनी दो बांहें
आसमान झुक जाता है प्रेमियों के कदमों में
जब चोरी चोरी मिल जाती हैं उनकी निगाहें ।
दिल में मीठा मीठा सा दर्द जागने लगता है
मन कल्पनाओं के पीछे पीछे भागने लगता है
प्रेम के सागर में डुबो देता है जो अपना वजूद
महबूब के दिल में ठिकाना तलाशने लगता है
पर दिल भी बड़ा बेईमान है , नेता सा बदलता है
कोई और हसीना देखकर ये फिर से मचलता है
फिर से लिखने लगता है दिल अफसाना प्यार का
फिर से प्यार का एक सिलसिला चलने लगता है
ये रास्ते बड़े घुमावदार, बड़े भयानक होते हैं
प्रेमी इन पर चलकर अक्सर लहूलुहान होते हैं
मिलते हैं धोखे हजार इश्क के सफर में "श्री हरि"
मोहब्बत के दीवाने कब किसकी फिक्र करते हैं।

