हो जाएं भव्य राममंदिर बनने में ये भी शरीक। हो जाएं भव्य राममंदिर बनने में ये भी शरीक।
एक पल गुज़र गया सालों की तरह और ज़िंदगी बीत गई दूरियाँ मिटाने में। एक पल गुज़र गया सालों की तरह और ज़िंदगी बीत गई दूरियाँ मिटाने में।
दुआ रहेगी हर चौखट में मेरी, काश वो फिर से मेरी हो जाये। दुआ रहेगी हर चौखट में मेरी, काश वो फिर से मेरी हो जाये।
नहीं सकता तुझे कोई शुभ कर्मों को करने से रोक। नहीं सकता तुझे कोई शुभ कर्मों को करने से रोक।
तेरे प्यार का मारा हूँ मेरे यार मुआफ़ करना। तेरे प्यार का मारा हूँ मेरे यार मुआफ़ करना।
पर तकदीर को शायद कुछ और ही मंजूर था ना मिलते हम तो अच्छा होता न दर्द उनको और ना ही हमको मिले होते ... पर तकदीर को शायद कुछ और ही मंजूर था ना मिलते हम तो अच्छा होता न दर्द उनको और न...