दिल की अब यही तमन्ना है
दिल की अब यही तमन्ना है
तुमसे मिलने के बाद ही जाना ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है
तुम्हारा नरम स्पर्श, अधरों का जादुई चुंबन
मानो बचपन का खोया हुआ प्यार आज़ लौट आया है
तुमने जीने की उम्मीदें दी, मुरझाई हसरतों को उड़ान दी
तुमने वह प्यार दिया जिसके लिए उम्र भर तड़पता रहा मैं
जिंदगी के आईने में वह दिखाया जो मैं हो सकता था
जिसे सिर्फ़ मैं और तुम ही अनुभव कर सकते थे
तुम नहीं थी तो ज़िन्दगी पतझड़ का सूखा मौसम था
मेरी ज़िन्दगी में तुम बसंत बहार बन कर आई हो
जिसकी हर डाल पर खुशियाँ कोयल बनकर चहकती है
तुम हमेशा दुनिया से हटकर थी, अद्वितीय थी, अनोखी थी
तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारी अंगड़ाई, बलखाती नागिन-सी चाल
सब कुछ बेमिसाल, अप्रतिम, अतुलनीय
तुमने ही तो ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाया, जीना सिखाया
सच कहूँ तो यह ज़िन्दगी आज भी तुम्हारी आभारी है
दौलत नहीं तो क्या, खुशनसीब हूँ कि मेरे पास तुम हो
तुमने ही मरुस्थल के कैक्टस में आशाओं के पुष्प उगाये
ऐसा करके तुमने दुःख और कलह को दूर कर दिया है
कांटों भरे मेरे जीवन में आने के लिए तुम्हारा शुक्रिया
मेरी खोई हुई खुशियों को तुमने जीने की नई वज़ह दी
एक वीरान रेगिस्तान को फिर से आबाद किया है
चेहरे की मुरझाई मुस्कान को फिर से खिलाया है
बस दिल की अब यही तमन्ना है हर पल तुम मेरे साथ रहो।

