मां तुम करुणा का सागर हो
मां तुम करुणा का सागर हो
मां, तुम सुन रही हो ना
तुम सिर्फ अद्भुत मां नहीं
बल्कि एक विचित्र नारी भी हो
जितना कोमल तुम्हारा हृदय है
उससे अधिक मजबूत तुम्हारे इरादे हैं
तुमसे जैसे भी बन पड़ा
हमेशा मेरी परवाह की है
अपने होने से तुमने मुझे
मेरे होने का एहसास हर पल कराया है
मेरी गलतियों को तुमने हर बार
मुस्कुरा कर दबाया है
मेरी नटखट शैतानियों पर
तुमने हर बार धैर्य दिखाया है
जब जब भटका हूं अपनी राहों से
हर बार मेरा मार्गदर्शन किया है
आज एहसास होता है कि तुम
दुनिया से लड़ सकती थी मेरे लिए
कदम कदम पर मेरे लिए
भरोसे की मजबूत दीवार बनकर खड़ी रही
जब जब मैं गिरता था तो तुम
अपनी बांहों में मुझे भर लेती थी
संकट की हर घड़ी में
अपने आंचल के साए में मुझे रखती थी
पिता की हर डांट पर तुम
हमेशा मेरा ही समर्थन करती थी
मां सच में तुम अद्भुत मां हो
जितने की जरूरत थी
उससे कहीं अधिक प्यार लुटाया है तुमने मुझ पर
जितना हो सका मुझसे भी
उतना सम्मान दिया है मैंने तुमको
तुम करुणा की देवी हो
तुम ममता का सागर हो
तुम धैर्य के सागर में नहाई नारी हो
मां तुम सच में अद्भुत मां हो