मां जो होती है ना
मां जो होती है ना
मां जो होती है ना
उसके प्यार में कुछ तो खास होता है
जिसे शायद देवता भी ना समझ पाए
मां के प्यार के फूलों से
गहरी श्रद्धा की महक आती है
घर की खिड़की और दरवाजों पर
उसके त्याग और बलिदान की छाप झलकती है
सारे जहां में एक मां का ही तो प्यार है
जो सदैव अंतहीन और निस्वार्थ है
ऐसा प्यार जिसे कोई नष्ट नहीं कर सकता
और ना ही कोई छीन सकता है
मां का दिल भले ही टूट कर बिखर जाए
पर उसका प्यार धैर्यवान और क्षमाशील होता है
मां के प्यार के शब्दकोश में
निराशा और हताशा के अंश नहीं होते
आशाओं की अपार संभावनाओं से भरा हुआ बाग है
मां के प्यार में हमेशा अपनों के लिए
भरोसे की दिव्य रोशनी जलती है
एक ऐसा अदृश्य प्यार
जो हर पल अपने अंदर सुंदरता लिए चमकता है
सबसे दुर्लभ, सबसे अनमोल रत्नों में से एक
मां के प्यार को शब्दों में परिभाषित करना
शायद कभी संभव नहीं
इस प्यार की ऊंचाई क्या है और गहराई क्या है
आज भी एक रहस्य बना हुआ है
सृष्टि के सभी रहस्यों की तरह
कितने खुश नसीब होते हैं वह लोग
गुजरा है जिनका बचपन मां की छांव तले
कितना निर्मल, कितना शीतल, कितना कोमल
होता है जहां में मां का प्यार
