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यही जीवन का सार है। यही जीवन का सार है।
ऊंची उड़ान की रहती उनको आशा कल्पनाओं के पंख लगाकर अपने करते दुनिया की सैर और देखे ऊंची उड़ान की रहती उनको आशा कल्पनाओं के पंख लगाकर अपने करते दुनिया की सैर...
बीती रात कमल दल फुले में बंधन में बन गया इतना उलझा तुम्हारे अंदर बीती रात कमल दल फुले में बंधन में बन गया इतना उलझा तुम्हारे अंदर
शाखों की बाहों से झांके, दुल्हन बनी बदरिया रे शाखों की बाहों से झांके, दुल्हन बनी बदरिया रे
पर माँ वही सिरहाने पे बैठी मुझे थपकियाँ दिए जा रही थी। पर माँ वही सिरहाने पे बैठी मुझे थपकियाँ दिए जा रही थी।