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छुट्टी का दिन था ,घर में सभी चादर तान सो रहे थे । छुट्टी का दिन था ,घर में सभी चादर तान सो रहे थे ।
मैंने पूछ ही लिया क्या बात है भाई ? इतने अस्वस्थ और दुखी? मैंने पूछ ही लिया क्या बात है भाई ? इतने अस्वस्थ और दुखी?
साहित्यिक उत्तरदायित्व है कि आने वाली पीढ़ी शुद्ध साहित्यिक परिवेश को धारण करे। साहित्यिक उत्तरदायित्व है कि आने वाली पीढ़ी शुद्ध साहित्यिक परिवेश को धारण करे।