होली
होली
नीला पीला लाल गुलाबी, रंगों भरी गगरिया रे
तुम बिन प्रियतम मुझे न भाये, सूनी लगे नगरिया रे
सतरंगी है दुनिया सारी, पुष्प खिले कचनार प्रिये
चंपा और चमेली झूमें, झूमें मस्त बयार प्रिये
सेमल जैसे तन पर लिपटी, धानी रँगी चुनरिया रे
नीला पीला लाल गुलाबी....।
नाचे मनवा मोर बाँधकर , रिमझिम सी बौछारों में
खुशियों के रँग बरसे हर घर, आँगन में चौबारों में
फागुन गीत सुनाये कोयल, बैठी हुई अटरिया रे
नीला पीला लाल गुलाबी...।
लुक-छुप खेलें खेल किरण सँग, कोमल पत्ती कलियाँ रे
महुआ महकाये वन -उपवन, बहके सारी दुनियाँ रे
शाखों की बाहों से झांके, दुल्हन बनी बदरिया रे
नीला पीला लाल गुलाबी..।
रुत खुशियों की बीत न जाए, सुन लेना मन की बातें
लेकर लाल, गुलाल गुलाबी, देना तुम मृदु सौगातें
नैनों में भर नीर पुकारूँ, आ जाओ साँवरिया रे
नीला पीला लाल गुलाबी..।