राखी का पर्व मनाने आई हूंँ
राखी का पर्व मनाने आई हूंँ
भैया तेरे दर राखी कापर्व मनाने आई हूँ
रोली चंदन अक्षत तेरे भाल लगाने आई हूँ
भूल न जाना बचपन भैयाहँसी लड़ाई हठपन भैया
मधु मिश्री सँग नेहिल धागेयाद दिलाने आई हूँ
भैया तेरे दर राखी का...
परमेश्वर से यही कामना बुरे वक्त में हाथ थामना
अँधियारे की ज्योति तुम्हीं होयह बतलाने आई हूँ...
भैया तेरे दर राखी का......
बुरी बलायें ले लूँ सारी
खुशियाँ भर दूँ घर-फुलवारीरक्ष सूत्र के इस बंधन से
हृदय मिलाने आई हूँ...भैया तेरे दर राखी का....
चंदा सूरज से भी प्यारे भैया मेरे राज दुलारे वंदन
अभिनंदन चंदन लेदीप जलाने आई हूँभैया तेरे दर राखी का.....