उपवन की सुन्दरता बढ़ती जब खिले हो चंपा के फूल उपवन की सुन्दरता बढ़ती जब खिले हो चंपा के फूल
सुन चंदन वन लता-वल्लरी, खग-गण करत किलोल सुन चंदन वन लता-वल्लरी, खग-गण करत किलोल
मेरे अन्तर्मन में भगत सिंह, गांधी को मैं नहीं पूजता। मेरे अन्तर्मन में भगत सिंह, गांधी को मैं नहीं पूजता।
पिय की याद बने चंदन, आ गया बसंत। पिय की याद बने चंदन, आ गया बसंत।
ओ 'परमब्रह्म' ! अब हो जाने दे तू मेरा अपना मंथन। ओ 'परमब्रह्म' ! अब हो जाने दे तू मेरा अपना मंथन।
आप नहीं अब जाना दूर वरना मैं नहीं रह पाऊँगी ! आप नहीं अब जाना दूर वरना मैं नहीं रह पाऊँगी !