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Pushp Lata Sharma

Abstract

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Pushp Lata Sharma

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हरि गोविंदम् बोल

हरि गोविंदम् बोल

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मोह जगत सब मिथ्या माया,

श्याम नाम अनमोल।

राज महल धन सोना -चाँदी,

तज अवगुण गुण तोल।

सूर्य, चंद्रमा, जल, थल, हरि से,

हरि हर मोल अमोल।

सुन चंदन वन लता-वल्लरी,

खग-गण करत किलोल।

सफल बना ले नर जीवन को,

पट अंतस मन खोल।

पुष्प ! चरण - रज भाल सजा ले,

नाम अमिय रस घोल।



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