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Pushp Lata Sharma

Romance Inspirational

4.0  

Pushp Lata Sharma

Romance Inspirational

फागुन लाया इन्द्रधनुष के रंग

फागुन लाया इन्द्रधनुष के रंग

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फागुन लाया भर पिचकारी इंद्रधनुष के रंग।

टेसू ऋतु रानी का तन-मन बाजे ढोल मृदंग

गदराये गेहूँ खेतों में छेंड़े हवा नशीली।

लहराये धरती का आँचल फूली सरसों पीली।

नेह झरे घर आँगन उपवन हिय में उठे तरंग

पुष्प लतायें झप्पी देती भँवरे गुन-गुन गायें।

भाँग धतूरा घुटे घटा घटजन-मन शोर मचायें।

पिचकारी ले हुरियारे फिर मचा रहे हुड़दंग

शाखों पर फूलों की झूमर सुधियाँ भरे कुलाँचे

कोयल राग मल्हार सुनाये शुक पिक पाती बाँचे

इठलाती तितली उड़ जाती डोरी बिना पतंग ।

ननद भाभियाँ सँग सँग निकलीं बालाओं की टोली।

हँसी ठिठोली गली गली में मुख पर सजी रँगोली।

झांझर बाजे ठुमके गोरी अंग लगाकर रंग।

पोर-पोर में प्रेम बसा है श्याम रंग सी काया। 

सरगम के सुर सजे अधर पर मनोहर फागुन छाया। 

छज्जे -छज्जे धूप चढ़ रही जन-मन मस्त मलंग। 



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