STORYMIRROR

R Rajat Verma

Romance

3  

R Rajat Verma

Romance

मुद्दत से तेरी इबादत करी है

मुद्दत से तेरी इबादत करी है

1 min
168

मुद्दत से तेरी इबादत की है,

चांद से तेरी शिकायत की है,

बिन तेरे ये कैसी घड़ी है,

देख मेरी अब हालत खरी है,

मुद्दत से तेरी इबादत की है।


इश्क ने मेरे ये आह भरी है,

बातों में तेरी बात नई है,

बिन तेरे ये कैसी घड़ी है,

देख मेरी अब सांस गई है,

मुद्दत से तेरी इबादत की है।


दूरी ने तेरी ये आंख भरी है,

चंद लम्हों की रात वही है,

बिन तेरे ये कैसी घड़ी है,

देख मेरी अब राह वही है,

मुद्दत से तेरी इबादत की है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance