मुद्दत से तेरी इबादत करी है
मुद्दत से तेरी इबादत करी है
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मुद्दत से तेरी इबादत की है,
चांद से तेरी शिकायत की है,
बिन तेरे ये कैसी घड़ी है,
देख मेरी अब हालत खरी है,
मुद्दत से तेरी इबादत की है।
इश्क ने मेरे ये आह भरी है,
बातों में तेरी बात नई है,
बिन तेरे ये कैसी घड़ी है,
देख मेरी अब सांस गई है,
मुद्दत से तेरी इबादत की है।
दूरी ने तेरी ये आंख भरी है,
चंद लम्हों की रात वही है,
बिन तेरे ये कैसी घड़ी है,
देख मेरी अब राह वही है,
मुद्दत से तेरी इबादत की है।