इश्क़ का दरिया
इश्क़ का दरिया
इश्क़ के दरिया में जो डूबे,
पार कहीं न पाओगे,
इश्क़ करके हाथ न फैलाना,
खाली हाथ रह जाओगे।
लाखों कोशिशें भी तुम्हारी,
तुम कम ही पाओगे,
इश्क़ की लगी छुटाए न छूटे,
अंदर टूटते जाओगे।
इश्क़ भी समंदर ठहरा,
गहराई कहां ढूंढ़ पाओगे,
जो तुम डूबे इसके तल में,
सफ़ल तुम हो जाओगे।
इश्क़ के दरिया में जो डूबे,
पार कहीं न पाओगे,
इश्क़ करके हाथ न फैलाना,
खाली हाथ रह जाओगे।