केवल तुम
केवल तुम
तुम और मैं
यानि कि सिर्फ हम
निस्वार्थ चाहे जा रहे
एक दूसरे में खोकर एक दूसरे को
फिर भी नितांत खालीपन हो जीवन में जैसे
जैसे कि तुम सिर्फ तुम हो और मैं सिर्फ तुम ही हो
फिर केवल तुम ही बचे इस रिश्ते में ,
मैं खो सी गई कहीं जैसे हम
शिकायत भी तो नहीं
शिकवा भी नहीं
क्योंकि तुम
मुझमें रहे
हमेशा